(New Orleans Attack) 2025 में न्यू ऑरलियन्स हमला जिसमें अमेरिका और पूरी दुनिया भर को हिला कर रख दिया है या मामला 1 जनवरी 2025 की रात में हुआ था जब एक पूर्व अमेरिका सेना के एक सैनिक 42 साल के समसुद्दीन जब्बार ने ऑरलियन्स के प्रसिद्ध बॉर्बन स्ट्रीट पर भीड़ में अपनी ट्रक घुसा दी, यह हमला इतना भयानक हो गया था जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और बहुत सारे लोग घायल हुए या घटना ना केवल अमेरिका के सुरक्षा बालों के लिए हैं बल्की सभी देश के लिए एक चेतावनी बन गई है कि आतंकवादी खतरे खास कर कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित अब कहीं भी हो सकती है।

शम्सुद्दीन का जीवन
(New Orleans Attack)अगर हम बात करें शम्सुद्दीन जब्बार की तो शम्सुद्दीन जब्बार का जन्म 1982 में हुआ था जो कि वह अमेरिका में रहते थे 2007 से 2015 तक अमेरिका सेना में नौकरी की जहां उनका मानव संसाधन और सूचना प्रौद्योगिकी से सब संबंधित था दरसल अफगानिस्तान में फरवरी 2009 से जनवरी 2010 तक उनकी वहां ड्यूटी रही जहां उन्हें युद्ध के मैदानों पर भी बहुत काम किया , । यह समय उनके लिए कठिन था और सेना से छुट्टी लेकर अपने नागरिक जीवन में लौट आए हालांकी सेना में सेवा देने के दौरान उन्हें सम्मान भी प्राप्त हुआ लेकिन उनका निजी जीवन संघर्ष से बहुत भरा हुआ था। शम्सुद्दीन जब्बार को दो बार तलाक भी मिल चुका था और उनके तीन बच्चे थे इसके अलावा उन्हें खुद को मानसिक और आर्थिक दबाव के बीच के बीच भी रहना पड़ा जो उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है यह सब उनके भविष्य के फैसले और कतरपंथी विचारधारा की और बढ़ने की प्रकृति में योगदान कर सकता था लेकिन नहीं हो पाया।
शम्सुद्दीन की विचारधारा
शम्सुद्दीन जब्बार के जीवन में एक महतवपूर्ण मोड़ आया जब उन्हें अपनी कट्टरपंथी विचारधारा की और रुज़ान दिखाना शुरू कर दिया पत्रकारों के अनुसर वह धीरे-धीरे धार्मिकता की और आकर्षित होते रहे और उनके साथ ही आतंकवादी समुहों के प्रति अपनी निष्ठा भी प्रदर्शित होती रही अन्होने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरीये अपनी वीडियो डाली जिनसे अन्होने हत्या करने की अपनी इच्छा और आईएसआई से प्रेरित होने का दावा किया था अन्होने सब कुछ सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक किया था अन्होने जब यह भी कहा कि वह अमेरिका समाज और उसकी परंपरा के खिलाफ थे शम्सुद्दीन अमेरिका के नियम और कानून के खिलाफ थे उनको वहां की दिनचर्चा अच्छी नहीं लगती थी उनका यहीं कारण था कि अन्होने इस हमले को अंजाम दिया हालांकी ये अन्होने ये बहुत बड़ी गलती कर दी जो अन्होने इस तरह से हमला किया जिसमें काफी लोगो की जान गई और काफी लोग घायल हुए . उनका यह कतरपंथी बदलाव और सोशल मीडिया प्रति सक्रियता यह दर्शाता है कि आजकल आतंकवादी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी प्रेरित होकर समाज को भारी नुकसान पहुंचाते हैं।
New Orleans attack (न्यू ऑरलियन्स हमला)
1 जनवरी 2025 की रात को शम्सुद्दीन जब्बार ने नए ऑरलियन्स के बॉर्बन स्ट्रीट पर एक खौफनाक हमला कर दिया, वह अपने ट्रक को लेकर भीड़ में घुसा दिया जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और लोग घायल हो गए इलाका विशेष रूप से पर्यटन वाला जगह थी जहां पर लोग लोगों का आगमन होता रहता था जहां नए साल के मौके पर हजारों लोग इकट्ठा होकर खुशियां मना रहे थे वही जब्बार ने न केवल ट्रक को भीड में घुसाया बलकी उसने पुलिस पर गोलीबारी भी की जिसमें दो पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और समसुद्दीन जब्बार को मार गिराया क्योंकि जब्बार ने पहले तो ट्रक घुसा दिया उसके जब पुलिस वालों ने इसपर कार्रवाई कि तब उसने पुलिस वालों को भी नहीं छोड़ा और उन पर भी गोली बरसाने की शुरुआत कर दी इसके बाद जांंच करने वाले उनके ट्रक से आईएएस आईएएस का ध्वज बारामद की पुष्टि कि वह कतरपंथी विचारधारा से प्रभावित है हमला अमेरिका और बाकी दुनिया में यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि आतंक के खतरों के सामने अब किसी देश या स्थान तक सीमित नहीं है बाल्की या खतरा अब कहीं और किसी रूप में भी सामने आ सकता है।
(New Orleans Attack)हमले का सामाजिक और राजनीतिक असर
(New Orléans Attack)इस हमले ने अमेरिका समाज में गहरी चिंता पैदा कर दी है कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि आतंकवादी हमला क्यों हो रहा है इन पर काबू पाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं? शम्सुद्दीन जब्बार जैसे आतंकवादी जो अमेरिकी सेना के पूर्व सदस्या रह चुके हैं यह दर्शता है कि आतंकवाद सिर्फ विदेशी नागरिकों से नहीं बल्कि अपने देश के नागरिकों से भी एक खतरा है यह खतरा तब और बढ़ जाता है जब आतंकवादी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरीये कतरपंथी विचारधाराओं से प्रभावित होते हैं और यह लोगों के लिए बहुत ही खतरनाक भी साबित होता है सरकार अधिकारियों का मानना यह है कि इस मामले में डिजिटल निगरानी बेहतर, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधाराओं से बचने के लिए शिक्षा और राजनीतिक कार्यक्रम की और भी सशक्त करने की जरूरत है, इस मामले में यह भी दिखाया गया है कि आतंकवादियों के सीमाओं और देश के सरहदों के लिए कोई मायने नहीं रखता वे और किसी भी समय कहीं पर भी हमला कर सकते हैं।