क्या भारत के स्टार्टअप से देश का विकास होगा हमारे देश भारत में स्टार्टअप्स तेज़ी से बढ़ रहे हैं, यहाँ तक कि हमारे देश के प्रधानमंत्री ने भी स्टार्टअप्स के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं। दरसल, हम भारत में जो स्टार्टअप्स कर रहे हैं, क्या उनसे हमारे देश का विकास होगा? क्या हमारे देश के युवाओं को अच्छी नौकरियाँ मिलेंगी? आज सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर हम चीन की बात करें, जहाँ लोग रोबोटिक्स, क्वांटम चिप्स, AI पर काम कर रहे हैं, तो भारत इस समय आलू के चिप्स बना रहा है। क्या इन सब चीज़ों से हमारे देश भारत का विकास होगा? आज हम ब्लॉग में बात करेंगे कि क्या भारत के इस स्टार्टअप से देश का विकास होगा या नहीं। आइये ऐसी ही कुछ बातों पर चर्चा करते हैं।

आखिर स्टार्टअप होता क्या है
स्टार्टअप का मतलब होता है किसी देश में कुछ नया और अनोखा जैसे चीन में लोग क्वांटम चिप्स बना रहे हैं, AI पर काम कर रहे हैं, क्या इसी तरह भारत में भी कोई ऐसा स्टार्टअप हो रहा है कि लोग अब आलू के चिप्स और आधुनिक किस्म की आइसक्रीम भी बना रहे हैं, अगर चीन की बात करें तो इन सब मामलों में भारत चीन से कई गुना पीछे है।
स्टार्टअप क्यों जरूरी है
क्या भारत के स्टार्टअप से देश का विकास होगा सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि स्टार्टअप क्यों जरूरी है। दर्शन स्टार्टअप सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है बल्कि यह एक नई सोच है, एक नया समाधान है जो देश को आगे ले जाता है या लोगों को नए नवाचार और नए विचार लाने का अवसर देता है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्टार्टअप के बारे में क्या कहा

हमारे देश के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जहां हमारे देश भारत के युवा कम्बल, फास्ट डिलीवरी, फूड आदि जैसे नए स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं, वहीं अगर हम चीन को देखें तो वह अपने स्टार्टअप में रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वाहन, चिप्स आदि जैसे स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। इस तरह का फूड डिलीवरी ऐप बनाकर लोगों को डिलीवरी बॉय बनाना और उनके भविष्य पर इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मुझे हमारे भारत के युवाओं पर गर्व है कि अमेरिका के लोगों ने कई घर चलाए हैं। लेकिन अगर हमें अपने देश का विकास करना है तो हमें चीजों को और आगे ले जाना होगा। उन्होंने पूछा कि क्या हम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।क्या भारत के स्टार्टअप से देश का विकास होगा ?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी कहा है कि भारत में युवा डिलीवरी बॉय बनकर रह जाएंगे और अगर चीन की बात करें तो वहां पर AI एआई से लेकर इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल तक हर तरह के नए स्टार्टअप हो रहे हैं, नए स्टार्टअप बन रहे हैं, नए इनोवेशन हो रहे हैं, टेक्नोलॉजी पर काम हो रहा है, लेकिन हम उनसे बहुत पीछे हैं और हमारा यूनाइटेड इंडियंस से सवाल है कि आप स्टार्टअप में क्या कर रहे हैं। अनहोनी ने यह भी कहा कि आज के रोबोटिक्स, एआई और इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल के क्षेत्र में भारत में अब तक 1000 स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं। अनहोनी ने यह भी कहा कि क्या भारतीय स्टार्टअप कुछ सालों के लिए पैसा कमा रहे हैं या फिर अपने देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं और अनहोनी ने यह भी कहा कि बड़े उद्योगपतियों के बच्चे इसे रिसाइकिल कर रहे हैं और स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं, यह सब किसी स्टार्टअप के लिए नहीं कहा जा सकता है, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा।क्या भारत के स्टार्टअप से देश का विकास होगा
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के तीखे जवाब
उन्होंने कहा कि एक ही चीज को दोबारा बनाना और आइसक्रीम में बदलाव करना स्टार्टअप नहीं कहलाता, इसे शॉर्ट टर्म बिजनेस या आय कहते हैं।पीयूष गोयल ने सही तरीके से स्टार्टअप करने को कहा लेकिन कुछ लोगों ने उनकी बातों को सही अर्थों में नहीं लिया।
ZEPTO के मालिक आदित्य पालीचा ने क्या कहा

ZEPTO के मालिक आदित्य पालिका ने कहा कि आज करीब डेढ़ लाख लोग जाप्टो के ऐप की मदद से अपना घर चला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जाप्टो की कंपनी सरकार को करीब 1000 करोड़ रुपए टैक्स के रूप में दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ZEPTO कंपनी तीन साल पहले अस्तित्व में नहीं थी और आज जब यह फेल हो रही है तो क्या यह स्टार्टअप नहीं है? क्या यह चमत्कार नहीं है? इंफोसिस के पूर्व सदस्य मोहनदास भाई ने पूछा कि भारत के पास अपना AI एआई मॉडल क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि भारत सरकार इन सभी स्टार्टअप के लिए बजट नहीं दे रही है। स्टार्टअप कहां से आएंगे? छोटे-छोटे स्टार्टअप करने से देश का विकास नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की सरकार हमेशा कुछ न कुछ घोषणा करती रहती है कि AI मॉडल के लिए आज 1050 करोड़ रुपए दिए गए हैं, लेकिन क्या भारत सरकार कभी ऐसा कहती है?
भारत स्टार्टअप के मामले में कितने नंबर पर हैं
9 साल पहले जनवरी 2016 में भारत में कुल 500 स्टार्टअप काम कर रहे थे लेकिन अब स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 129000 से भी ज्यादा हो गई है और ये सभी स्टार्टअप 1659000 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। अब भारत स्टार्टअप के मामले में तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनी बन गया है। लेकिन हमारे देश भारत में बहुत से स्टार्टअप 5 साल में बंद हो जाते हैं या क्या ये हमारे भारत की कड़वी सच्चाई है। हालांकि यहां सवाल यह भी उठता है कि हमारे देश के युवाओं के पास बेसिक शिक्षा तो है लेकिन यहां तक पहुंचने का अनुभव नहीं है। ये सब देखते हुए भारत की बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने बेरोजगारों को अपनी ताकत मान लिया है। उन बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मानना है कि ऐसी योजना अपनाई जानी चाहिए जिसमें ये सभी लोग रोजगार के लिए काम करें और इन्हें डिलीवरी बॉय बना दिया जाए। क्या भारत के स्टार्टअप से देश का विकास होगा