(क्या भारत टेक्नोलॉजी की दौड़ में पीछे छूट रहा है) आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी सबसे बड़ी ताकत बन गई है। हर देश अपनी ताकत बढ़ाने और दुनिया का अगुआ बनने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाएं टेक्नोलॉजी के मामले में काफी आगे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत सभी से पीछे है या फिर एफआईआर ही एक स्थायी बाधा है। आयुष ब्लॉग में हम विस्तार से समझते हैं कि टेक्नोलॉजी के दौर में भारत क्यों पीछे है।
भारत की तकनीकी उन्नति

- भारत ने पिछले कुछ वर्षों में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, यहां कुछ महत्वपूर्ण विकास के क्षेत्र हैं,
- ITs और सॉफ्टवेयर सेवाएं भारत के पास आईटी क्षेत्र में एक बड़ा वैश्विक सितारा है, बैंगलोर, हैदराबाद और पुणे जैसे शहर प्रौद्योगिकी केंद्र बन गए हैं, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टीसीएस, इंफोसिस और ओप्पो जैसी भारतीय कंपनियां प्रति सेवा स्टार प्रदान कर रही हैं
अंतरिक्ष अनुसंधान
(क्या भारत टेक्नोलॉजी की दौड़ में पीछे छूट रहा है)
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने हाल के वर्षों में चंद्रयान मंगलयान और सूर्ययान मिशन जैसी कई बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं।
- इन उपलब्धियों ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में अग्रणी बना दिया है।
- डिजिटल इंडिया और फिनटेक क्रांति: भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत डिजिटल भुगतान योजना यूपीआई को व्यापक रूप से अपनाया गया है। भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन करने वाले देशों में से एक बन गया है।
- स्टार्टअप इकोसिस्टम: भारत में स्टार्टअप संस्कृति तेजी से विकसित हो रही है।
- मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया : जैसी पहलों के कारण नए इनोवेटिव स्टार्टअप की संख्या बढ़ रही है। फ्लिपकार्ट, जोमैटो और बाजू जैसे साथी भारतीय स्टार्टअप सफलता की कहानियां हैं।
भारत की चुनौतियाँ

(क्या भारत टेक्नोलॉजी की दौड़ में पीछे छूट रहा है)हालाँकि, इन उपलब्धियों के बावजूद, भारत अभी भी कुछ क्षेत्रों में अन्य देशों से पीछे है। आइए उन चुनौतियों पर एक नज़र डालते हैं।
- अनुसंधान एवं विकास (R%D) में निवेश की कमी
(क्या भारत टेक्नोलॉजी की दौड़ में पीछे छूट रहा है)भारत का R%D पर निवेश उसके जीडीपी का मात्र 0.7% फीसदी है जबकि चीन 2.4% फीसदी और अमेरिका 3.1 फीसदी खर्च करता है। कम निवेश के कारण ही भारत नए इनोवेशन करने में धीमा है।
- सेमीकंडक्टर और चिप मैन्युफैक्चरिंग में पिछड़ापन: भारत अभी भी अपने सेमीकंडक्टर चिप्स और प्रोसेसर नहीं बना पा रहा है जबकि चीन और अमेरिका इस क्षेत्र में आगे हैं। कोर मैन्युफैक्चरिंग के बिना भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं बन पा रहा है
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एआई और रोबोटिक्स के क्षेत्र में धीमी प्रगति। मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स के क्षेत्र में भारत की प्रगति धीमी है। अमेरिका और चीन इस क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं जबकि भारत इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।
- शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत: भारत की शिक्षा व्यवस्था में और अधिक प्रौद्योगिकी हब बनाने की जरूरत है। आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थान बेहतरीन काम कर रहे हैं, लेकिन अभी भी उच्च स्तरीय शोध की जरूरत है।
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और इंटरनेट स्पीड: भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की जरूरत है। तकनीक को धीरे-धीरे अपनाया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी तेजी से सुलभ इंटरनेट की कमी है।
- सरकारी नीतियों और फैसलों में देरी: भारत में सरकारी नीतियों को लागू करने में देरी होती है, जिससे तकनीक में तेजी से बदलाव लाने में दिक्कत आती है। टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को और अधिक समर्थन दिए जाने की जरूरत है।
भारत को आगे कैसे बढ़ना चाहिए?

(क्या भारत टेक्नोलॉजी की दौड़ में पीछे छूट रहा है)
- भारत को तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे पहला आरएनडी में अधिक निवेश सरकार और निजी क्षेत्र को अनुसंधान और विकास में अधिक निवेश करना चाहिए अधिक निवेश में नवप्रवर्तन को बढ़ावा मिलेगा और भारत नई ताकतों में आगे बढ़ेगा
- दूसरा सेमीकंडक्टर और हार्डवेयर विनिर्माण भारत को अपना सेमी कंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए ताकि वह चीन और अमेरिका पर निर्भर न रहे तीसरा एआई और ऑटोमेशन पर ध्यान केंद्रित करना भारत को कृतिम बुद्धिमता और रोबोटिक्स में आगे बढ़ना होगा इस क्षेत्र में अधिक अनुसंधान और शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है
- तकनीकी शिक्षा प्रणाली में सुधार स्कूल और कॉलेज में तकनीकी शिक्षा को अधिक व्यवहारिक और नवोन्वेषी बनाना होगा ताकि जितने भी देश के छात्र हैं उनको सही टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके,
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना, हाई स्पीड इंटरनेट और 5जी नेटवर्क को तेजी से लागू करना है, जो कि तकनीकी क्षेत्र है। में विकास को बल मिलेगा
- सरकारी योजनाओं को सरल और प्रभावी बनाना सरकारी नीतियों को सरल और पारदर्शी बनाना जाना चाहिए ताकि तकनीकी स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल सके।
निष्कर्ष:
(क्या भारत टेक्नोलॉजी की दौड़ में पीछे छूट रहा है)भारत तकनीकी दौड़ में पूरी तरह से पीछे नहीं है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में तेजी से सुधार की जरूरत है। अगर भारत अनुसंधान और विकास, सेमीकंडक्टर विनिर्माण, एआई और रोबोटिक्स में अधिक निवेश करता है, तो यह जल्द ही दुनिया के अग्रणी तकनीकी देशों में से एक बन सकता है। भारत डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में अपार संभावनाएं हैं, बस उसे इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है।