(दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025) के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब 8 फरवरी 2025 को मतदान होगा। राजधानी की 70 विधानसभा सीटों के लिए कड़ी टक्कर देखने को मिली है। इस बार चुनाव आम आदमी पार्टी(AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(INC) के बीच त्रिकोणीय मुकाबले में तब्दील हो गया है। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को आठ सीटें मिली थीं और कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। इस बार का चुनाव कितना अलग या कितना उलझाऊ होगा?

मतदान प्रतिष्ठा और प्रमुख आंकडे
(दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025) इस चुनाव में करीब 1 करोड़ 55 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसमें 2 लाख 8 हजार नए मतदाता शामिल हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक कुल मतदान प्रतिशत 65 अंक दर्ज किया गया जो पिछले चुनाव से थोड़ा कम है। दिल्ली में कुल 13000 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए थे। जहां मतदाताओं ने अपनी पसंद की सरकार बनाई।
मुख्यमंत्री पार्टियों की रणनीतियां और चुनाव प्रचार
इस चुनाव में सभी पार्टियों ने अपने-अपने वादों और दावों के साथ प्रचार किया।
आम आदमी पार्टी आप

- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार के पिछले 10 साल का लेखा-जोखा जनता के सामने रखा और मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा जैसी योजनाओं को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया, हालांकि पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी रही जिसे विपक्षी दलों ने बड़ा मुद्दा बनाया।
भारतीय जनता पार्टी भाजपा

(दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने दिल्ली चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। हाल में पेश किया गया केंद्रीय बजट, मध्यम वर्ग को कर में राहत, दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का वादा और केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा के मुख्यमंत्री के चुनावी मुद्दे रहे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य बड़े नेताओं ने भी दिल्ली सरकार के खिलाफ लगातार रैलियां कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाए रखने की कोशिश की।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- कांग्रेस को किसी का समर्थन नहीं मिल रहा है। इस बार चुनाव में कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश में थी। हालांकि, इस चुनाव में पार्टी का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला। कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और केंद्र सरकार की नीतियों को अपना मुख्य एजेंडा बनाया, लेकिन प्रचार में उतनी ताकत नहीं दिखी।
महत्वपूर्ण सीटे और प्रमुख उम्मेदवार
- दिल्ली में कुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां कांटे की टक्कर देखने को मिली।
- नई दिल्ली सीट, जहां से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मुकाबला बीजेपी के युवा नेता सतीश उपाध्याय से है।
- करोल बाग सीट, जहां से कांग्रेस के अनुभवी नेता अजय माकन, बीजेपी की योगिता सिंह और आम आदमी पार्टी के विकास गोयल आमने-सामने थे। ओखला सीट, शाहीन बाग और जामिया नगर जैसे इलाकों को कवर करने वाली इस सीट पर आम आदमी पार्टी के अमन तुला खान, बीजेपी के ब्रह्म सिंह और कांग्रेस के परवेज हाशमी के बीच मुकाबला देखने को मिला।
प्रभाव डालने वाले मुद्दे
इस चुनाव में कई मुद्दे ऐसे रहे, जिन्होंने वोटरों को प्रभावित किया।
- महंगाई और बेरोजगारी। देशभर में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का असर दिल्ली में भी देखने को मिला। मध्यम वर्ग और युवा वोटरों के लिए यह बड़ा मुद्दा रहा।
- मुफ्त सुविधाएं और आर्थिक स्थिति। आम आदमी पार्टी की मुफ्त बिजली, पानी और शौचालय सेवाओं की योजनाएं एक तरह से जनता के लिए फायदेमंद रही हैं, लेकिन विपक्ष ने इसे सरकार की आर्थिक कमजोरी करार दिया है। भाजपा और कांग्रेस पहले भी इसे भ्रष्टाचार बताकर इसकी आलोचना कर चुकी हैं।
- भ्रष्टाचार के आरोप। चुनाव से कुछ महीने पहले दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी पर शराब नीति घोटाले और भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य नेताओं को लेकर कई आरोप लगाए। भाजपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, जबकि आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।
- सांप्रदायिक राजनीति और ध्रुवीकरण। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का असर कुछ सीटों पर भी देखने को मिला, खासकर यूएन क्षेत्र में जहां हिंदू और मुस्लिम आबादी का अनुपात लगभग बराबर हो गया था।
एग्जिट पोल और अनुमान

(दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025) विभिन्न एग्जिट पोल के अनुसार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सत्ता में वापसी की संभावना है लेकिन सीटों में कमी आ सकती है। भाजपा का प्रदर्शन सुधरता दिख रहा है जबकि कांग्रेस की स्थिति फिर से कमजोर मानी जा रही है।
क्या हो सकता है चुनवी परिणम
(दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025) 8 फरवरी को वोटों की गिनती के बाद तय हो जाएगा कि दिल्ली की सत्ता किसे मिलेगी। अगर आम आदमी पार्टी फिर से जीतती है तो लगता है कि यह तीसरी बार होगा जब पार्टी राजधानी में सरकार बनाएगी। अगर बीजेपी को ज़्यादा सीटें मिलती हैं तो यह आम आदमी पार्टी के लिए चेतावनी का संकेत हो सकता है।
निष्कर्ष
(दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 जनता के लिए कई मायनों में अहम होता जा रहा है। इसमें मुफ्त सुविधाएं बनाम आर्थिक प्रबंधन, भ्रष्टाचार बनाम विश्वसनीयता और स्थानीय मुद्दे बनाम राष्ट्रीय राजनीति के बीच संतुलन देखने को मिलेगा। अब सबकी निगाहें 8 फरवरी पर हैं जब दिल्ली में चुनाव के बाद साफ हो जाएगा कि जनता ने अपनी अगली सरकार किसे चुनी है।