HMPV एक उभरता हुआ श्वसन वायरस है।जो सामान्य सर्दी जैसे-लक्षणों से लेकर गंभीर श्वसन संक्रमण तक का कारण बन सकता है। यह वाइरस विशेष रूप से छोटे बच्चों बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को प्रभावित करने में बहुत ही ज्यादा सक्षम है। हाल के महीने में HMPV संक्रमण के मामले में वृद्धि करके स्वास्थ्य समुदाय को सतर्क कर दिया है।

HMPV क्या है यह वायरस?

HMPV एक RNA वायरस है। जो पहली बार 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था। यह पैरामाइक्सोविरिडो परिवार से संबंधित है और स्वसन तंत्र को प्रभावित करने में बहुत ही ज्यादा सक्षम वायरस है।
.प्रमुख लक्षण समूह:
- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे
- 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग
HMPV का प्रसार मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों की खांसी ठीक और संक्रमित तत्वों के संपर्क में से छूने से ही होता है।
हालिया प्रकोप की स्थिति

संक्रमण के हाल के प्रकोप ने एशियाई देशों,विशेष रूप से चीन और भारत को प्रभावित किया है।
चीन में स्थित
दिसंबर 2024 में चीन के बीजिंग और अन्य शहरों में HMPV संक्रमण के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है।
- आंकड़े
चीनी रोग नियंत्रित और रोकथाम केंद्र (CCDC) के अनुसार,HMPV संक्रमण की सकारात्मक दर में 20% तक वृद्ध हुई है।
- लक्ष्य समूह
14वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है।
- सरकारी कदम
- चीन स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण पर नजर रखने और अस्पतालों में विशेष उपचार इकाइयां स्थापित करने का निर्देश दिया है।
भारत में मामले
HMPV भारत में संक्रमण ने अभी तक बड़ा प्रकोप नहीं किया है। लेकिन इसके मामले में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है।
- पहला मामला:उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 60 वर्षी महिला में HMPV की पुष्टि पाई गई है।
- अन्य राज्य:महाराष्ट्र,कर्नाटक,तमिल नाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में संक्रमण के छोटे-मोटे मामले बहुत ही ज्यादा सामने आ रहे हैं।
- सरकारी प्रयास:स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
- अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार है।
- संक्रमण के लक्षणों की निगरानी की जा रही है।
HMPV संक्रमण के लक्षण
संक्रमण के लक्षण सामान सर्दी और फ्लू जैसे हो सकते हैं। लेकिन इसे गंभीर रूप से लेना चाहिए।
1.सामान्य लक्षण
- बुखार
- खांसी
- खांसी गले में खराश
- नाक बहना या बंद होना
2.गंभीर लक्षण (कमजोर रोगियों में)
- सांस लेने में कठिनाई
- सांस लेने में घरघराहट की आवाज आना
- निमोनिया होना
- ब्रांयोलाइटिस
HMPV के लक्षण कब दिखते हैं?
संक्रमण के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3 -6 दिन के भीतर ही दिखने लगते हैं।
निदान और उपचार
HMPV का निदान कैसे होता है?
HMPV की पहचान के लिए विशेष प्रशिक्षण किए जाते हैं।,जैसे की-
1.RT-PCR TEST-वायरस की उपस्थिति का पता लगाने के लिए सबसे सटीक और तेज प्रशिक्षण तुरंत का पता लगा सकता है।
2.एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट:लक्षण आधारित प्रारंभिक पहचान होती है।
3.सीटी स्कैन या छाती का एक्सरे:फेफड़ों के संक्रमित की गंभीरता का आकलन करने के लिए यह टेस्ट होता है। जिससे फेफड़े संबंधित कोई भी जानकारी मिल जाती है।
उपचार विकल्प
संक्रमण का कोई विशिष्ट एंटीवायरस उपचार या वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाई है। उपचार मुख्य रूप से लक्षणों को प्रतिबंधित करने पर केंद्रित किया गया है।
- घरेलू उपचार
- भरपूर आराम करें
- तरल पदार्थ का सेवन करें
- नाक की रुकावट के लिए भाप ले
- दवाइयां
- बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल ले।
- गंभीर मामले में अस्पताल में ऑक्सीजन थेरेपी करवाएं।
- एंटीबायोटिक केवल (द्वितीय संक्रमण) के लिए लेनी चाहिए।
HMPV से बचाव के उपाय
बचने के लिए जागरुकता और सावधानी बेहद जरूरी होती है।
1.स्वच्छता बनाए रखें
- हाथों के नियम में सफाई साबुन या सैनिटाइजर से या पानी से धुले।
- अल्कोहल ब्रेस्ट सैनिटाइजर का उपयोग करना बहुत जरूरी है।
2.भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना बहुत जरूरी होता है।
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें।
3.स्वस्थ आदतें अपनाएं
- संतुलित आहार लेना चाहिए।
- नियमित व्यायाम करना चाहिए।
- प्राप्त नींद ले।
वैश्विक दृष्टिकोण
1.अंतर्राष्ट्रीय प्रयास
- WHO ने सभी देशों को सतर्कता बरकने और वायरस पर नजर रखने की सलाह दी है।
- वैक्सीन और एंटीवायरस दवाएं के विकास के लिए अनुसंधान जारी हैं।
2.वैज्ञानिक प्रगति
- वायरस के जीनोम अनुक्रमण पर काम किया जा रहा है।
- वायरस की प्रकृति को समझने के लिए अध्ययन जारी है।
सरकारी की भूमिका और जिम्मेदारी
1.जागरूकता अभियान
- स्कूलों और सार्वजनिक स्थान पर जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहे हैं।
- मीडिया के माध्यम से जानकारी प्रचार प्रसार हो रहा है।
2.स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
- अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार करना।
- पर्याप्त दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता को पूरा करना।
3.अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
WHO और अन्य स्वास्थ्य संगठों के साथ समन्वय किया जा रहा है।
HMPV का भविष्य:क्या हम सुरक्षित हैं?।
HMPVसंक्रमण को नियंत्रित करने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता सावधानी और सरकारी प्रयास महत्वपूर्ण हैं जिससे हम HMPV वायरस से बच सकते हैं।
1.चुनौतियां
वायरस का तेजी से फैलाव हो रहा है।
कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों को यह वायरस दबोच रहा है।
2.उम्मीदें
जागरूकता बढ़ने से संक्रमण की दर कम होगी।
अनुसंधान और वैक्सीन के विकास से भविष्य में वायरस पर नियंत्रण संभव होगा।