( HMPV के घरेलू उपाय) HMPV वायरस का इलाज अभी केवल लक्षणों को कम करने पर केंद्रित है।और कोई विशिष्ट दवा या टीका उपलब्ध नहीं हो पाया है। आप कुछ घरेलू उपाय और सावधानियां अपना कर इसे जोखिम को कम कर सकते हैं। यह उपाय आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करेंगे और संक्रमण से बचाव में आपकी मदद करेंगे।

HMPV क्या है?
( HMPV के घरेलू उपाय) HMPV एक ऐसा वायरस है। जो श्वसन संबंधी वायरस है। जो निकले और ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण का कारण बनता है। यह वाइरस पहली बार 2001 में नीदरलैंड में खोजा गया था लेकिन इसके मौजूद होने के परिणाम 1950 के दशक में भी मिले थे। यह वाइरस (METAPNEUMOVIRUS) परिवार का हिस्सा है। और(RSV) से मिलता जुलता है।
HMPV मुख्य रूप से सर्दियों और वसंत के मौसम में सक्रि य रहता है। इसकी गंभीरता छोटे बच्चों,बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों में अधिक देखी जाती है।
HMPV के लक्षण
( HMPV के घरेलू उपाय) HMPV के संक्रमण के लक्षण साधारण सर्दी,जुकाम जैसे हो सकते हैं। हालांकि यह कुछ मामले में अधिक गंभीर भी हो सकता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं। जैसे की
1.सामान्य लक्षण
- खांसी
- बुखार
- नाक बंद होना
- गले में खराश
- थकान और कमजोरी
2.गंभीर लक्षण
- सांस लेने में कठिनाई
- घबराहट
- निमोनिया
- ब्रोंकिलाइटिस
HMPV कैसे फैलता है?
(hmpv के घरेलू उपाय)HMPV का संक्रमण मुख्यतःसंक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलने वाले कणों के माध्यम से होता है। इसके अलावा संक्रमित तत्वों को छूने और फिर अपने चेहरे नाक,मुंह,आंखों को छूने से भी संक्रमण फैल सकता है।
- यह वाइरस बच्चों के स्कूल डेकेयर और सार्वजनिक स्थानों पर अधिक तेज से फैलता है।
- कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले व्यक्तियों के लिए यह अधिक खतरनाक साबित होता है।
- HMPV का संक्रमण मानव से मानव में तेजी से फैलता है।
HMPV बचाव के घरेलू उपाय

1.भाप लेना (Steam Therapy)
- भाप लेने से नाक की बंदी और श्वसन मार्ग को साफ करने में मदद करता है।
- इसे अदरक पुदीने के पत्ते या नीलगिरी का तेल मिलाने से अधिक लाभ होता है।
- रोजाना 5 से 10 मिनट तक भाप ले।
2.तुलसी और अदरक की चाय
- तुलसी और अदरक में एंटी-वायरस और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं।
- रोजाना एक कप तुलसी-अदरक की चाय पीने से गले की खराश और खांसी में आराम मिलता है।
- इसे बनाने के लिए 4-5 तुलसी की पत्तियां और एक छोटा टुकड़ा अदरक गर्म पानी में उबले।
- इसे गरमा-गरम चाय की तरह पिए जिससे हार्मफुल बैक्टीरिया की ग्रोथ ना हो सके।
3.शहद और नींबू का उपयोग
- शहर में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो गले की खराश और खांसी को कम करने में मदद करते हैं।
- एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और कुछ बूंदे नींबू के रस की मिलाएं।
- इसे सुबह खाली पेट पिए।
4.लहसुन का सेवन
- लहसुन में एलिसिन(ALLICIN)नामक तत्व होते हैं। जो इम्युनिटी बढ़ाने और संक्रमण से बचाने में हमारी मदद करते हैं।
- रोजाना कच्चा लहसुन खाएं या इसे अपनी सब्जियों में शामिल करके खाएं।
5.आंवला और विटामिन C युक्त आहार
- आंवला विटामिन C का एक अच्छा स्रोत होता है। जो प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में हमारी मदद करता है।
- रोजाना एक आंवला खाएं या आवाले का रस पिए।
- विटामिन C के अन्य स्रोत जैसे संतरा,नींबू और अमरूद को अपने आहार में शामिल करके खाएं।
6.गर्म पानी और नमक का गरारा
- गले की खराश और संक्रमण को कम करने के लिए गर्म पानी में थोड़ा नमक मिलाकर गरारा करें।
- इस दिन में 2-3 बार दोहरा।
7.योग और प्राणायाम करें
योग और प्राणायाम हमारी इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में बहुत ही ज्यादा मदद करते हैं।
- प्राणायाम जैसे-अनुलोम-विलोम और कपालभाति श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है और फेफड़ों को साफ करने में हमारी मदद करता है।
- योगासन जैसे-भुजंगासन और ब्रजआसन प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ावा देने में हमारी मदद करता है
8.हाइड्रेट रहे (पानी पिए)
- दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए
- नारियल पानी,नींबू पानी और गर्म सूप जैसे-तरल पदार्थ शरीर को हाइड्रेट रखने में हमारी मदद करते हैं और विशेष पदार्थ को बाहर निकलने में हमारी मददगार साबित होते हैं।
9.तुलसी और काली मिर्च का कथा
- तुलसी,काली मिर्च,अदरक और दालचीनी के साथ काढ़ा बनाकर पिए।
- इसे रोजाना एक कप पिए या स्वसन तंत्र को साफ करता है और इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने में हमारी मदद करता है।
10.तेल खींचना(OIL PULLING)
- सुबह खाली पेट एक चम्मच नारियल तेल को मुंह में डालकर 10 से 15 मिनट तक घुमाए और फिर थूक दे।
- यह बैक्टीरिया और विशेष को बाहर निकलने में हमारी बहुत ही ज्यादा मददगार होता है।
अतिरिक्त सावधानियां

(hmpv के घरेलू उपाय)
- साफ सफाई का ध्यान रखें और सार्वजनिक स्थानों पर मांस पहने।
- इधर-उधर मत थूके।
- घर के आस पास के वातावरण को स्वच्छ रखें।
- समय समय पर हाथ धूलते रहे किसी भी चीज को टच करें तो फिर से हाथ धुले।
- किसी भी लक्षण जैसे खांसी बुखार या सांस लेने में कठिनाई होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।