(US SATELLITE LAUNCHED BY ISRO) भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने एक बार एफआईआर अपनी कुशलता साबित की है एचएएल में ही इसरो ने अमेरिका के सैटेलाइट को लॉन्च किया है इसे साफ पता चलता है कि अब इसरो कितना आगे हो चुका है बाहरी देश के सैटेलाइट भी लॉन्च कर रहा है इसरो जो संचार तकनीक में क्रांति ला सकता है इस प्रक्षेपण के साथ अब अंतरिक्ष के मध्यम से सीधे फोन कॉल करना हकीकत बनने जा रहा है, जिसमें पारंपरिक मोबाइल टॉवर और ग्राउंड नेटवर्क की उपलब्धता समाप्त हो सकती है, यह वहां पर काम करेगा, जिन इलाकों में नेटवर्क की कमी होती थी, सही से नेटवर्क नहीं हो पाता था।

संचार का नया तरीका
इसरो द्वार भेजी गई अमेरिकी सैटेलाइट(US SATELLITE) जो अंतरिक्ष में होगी और वहां मोबाइल फोन से जुड़ने के लिए डिजाइन किया गया है जिसे डायरेक्ट तू मोबाइल डी2एम टेक्निक भी कहा जाता है या टेक्निक संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या का समाधान करेगी जहां प्रति परंपरा गैट नेटवर्क काम नहीं करते हैं जैसा कि दूर दराज इलाके समुद्र में यात्रा के दौरन या प्राकृतिक आपदाओं के दौरन इन सब को दूर करने में या अमेरिकी सैटेलाइट मदद करेगी।
कैसे काम करेगा?

पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क ग्राउंड प्रति आधार टॉवर पर निर्भर करते हैं जबकी यह तकनीक सीधे सैटेलाइट से फोन को जोड़ती है सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा में रिले स्टेशन की तरह काम करेगी 5जी और लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट जैसे आधुनिक तकनीक के करण या संभव हो पाया है जिसका डेटा ट्रांसफर करने के लिए पेज बनाया गया है काम करने के लिए और वैश्य कनेक्टिविटी में बेहतर सुधार लाने के लिए किया गया है।
इसरो की महत्पूर्ण भूमिका

ISRO-IMAGE.
इसरो अपनी विश्वसनीयता और भरोसेमंद प्रेक्षपणों के लिए दुनिया भर के देशों और निजी साथियों के लिए अपना दरजा बना चुकी है और भरोसेमंद भी बन चुकी है अमेरिकी उपग्रह का प्रक्षेप प्रति इसरो के विशिष्ट प्रतिष्ठा और मजबूत कर्ता है पीएसएलवी जैसा शक्तिशाली प्रक्षेपण वाहन के माध्यम से इसरो ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट को और भी आसान बना दिया है।
अंतरिक्ष आधारित कॉलिंग के फायदे

वैश्विक कनेक्टिविटी
- इसमे दूर दराज और आपदा प्रभाव क्षेत्र में संचार करेगा
किफायती ढांचा
- महँगा ग्राउंड आधार नेटवर्क की अवश्यक्ता काम होगी
आपातकालीन सेवाओं में सुधार
- आपदा प्रबंधन और बचाव कार्य के लिए यह सबसे भरोसामंद संचार होगा
आर्थिक अवसर
- टेलीकॉम और तकनिकी क्षेत्रों में नई संभावनाएँ।
चुनौतियाँ
इस तकनिक को साकार करने में काई चुनौतियाँ भी आई है पहला डिवाइस अनुकुलता या सुनिश्चित करने की मौजुदा स्मार्टफोन बिना अतिरिकत उपकरणों के सैटेलाइट से जुड़ा सके नंबर दो नियम कि ये बढ़ाएं स्पेक्ट्रम आठन और वैश्विक सामान्य वी से जुड़े नियम नंबर 3 लगत प्रबंधन इस उपयोगकार्तों के लिए आसान और किफ़याति बनाया गया है।
भविष्य की सम्भावनाएँ
एक ऐसा(US SATELLITE) सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण संचार प्रौद्योगिकी में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का संकेत है इसरो के योगदान के साथ भारत वैश्विक टेलीकॉम क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हो चुका है जल्दी ही अंतरिक्ष के माध्यम से सीधे फोन करना हर वक्त के लिए सामान्य बनाम सुविधा बैन बनेगी और जहां नेटवर्क की दिक्कतें हैं, उसको भी दूर किया जा सके, ये सब इसरो का जो नया सैटेलाइट है उसका द्वार संभव हो पाएगा और दुर्दर्शी इलाके में आसान से बात हो जाएगी।
निवारण
इसरो द्वार लॉन्च की गई अमेरिकी सैटेलाइट (US SATELLITE)का सफल प्रक्षेपण न केवल तकनीकी दृष्टि से बालक सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि है या भारत को वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में अग्रणी बनाना है और अंतरिक्ष आधार संचार तकनीक को नई दिशा प्रदान करता है इसके बदलाव से कुछ ऐसे गांव भी थे जहां नेटवर्क पर काफी समस्याएं होती थीं लेकिन हमें सैटेलाइट का मनाना है कि जब से या अंतरिक्ष में जाएगा उसके खराब से नेटवर्क का सामना नहीं करना पड़ेगा अंतरिक्ष से सीधे फोन कॉल करने की या पहल भविष्य के लिए एक मजबूर हो जाएगी इसासे काई जगह सुधार भी आएंगे इसे यहां पता चलता है कि इसरो भी अब किसी देश से कम नहीं।