फेक न्यूज सच और झूठ की पहचान कैसे करें?

(फेक न्यूज सच और झूठ की पहचान कैसे करें) आज हम जहां भी देखते हैं वहां सोशल मीडिया की चर्चा होती रहती है क्योंकि सोशल मीडिया के माध्यम से ही  एक जगह से दूसरी जगह की खबरें जान पाते हैं लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि हम तक सही खबरें नहीं पहुंच पाती और हमें गलत जानकारी मिल जाती है जिसे हम गलत खबर समझ कर लोगों के साथ शेयर कर देते हैं इससे लोगों को नुकसान भी होता है और यही हमारी जिम्मेदारी पर भी सबसे बड़ा सवाल खड़ा करता है।आज के डिजिटल युग में जहाँ खबरें दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक सेकंडों में पहुँच जाती हैं, वहीं फर्जी खबरें एक बड़ी समस्या बन गई हैं। फर्जी खबरें न केवल लोगों को गुमराह करती हैं, बल्कि इस समाज में भ्रम, भय और विश्वास भी पैदा करती हैं। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि फर्जी खबरें क्या होती हैं, यह किस तरह की विफलता है और हम इससे कैसे बच सकते हैं। आज हम इस ब्लॉग में  इन सब पर चर्चा करेंगे ताकि हम फर्जी खबरों से बच सकें।

फेक न्यूज
फेक न्यूज सच और झूठ

फेक न्यूज क्या है?

फर्जी खबरें
फर्जी खबरें

फर्जी खबरें वह सूचना होती है जो गलत, अधूरी या गलत तरीके से पेश की जाती है। इसका उद्देश्य लोगों को गुमराह करना, किसी व्यक्ति या संगठन की छवि खराब करना या फिर वायरल करके बस पैसे कमाना हो सकता है। फर्जी खबरें अक्सर सनसनीखेज हेडलाइन और झूठे लोगों के साथ पेश की जाती हैं ताकि लोग इसे जल्दी से जल्दी शेयर कर सकें।

फेक न्यूज कैसे फ़ेलती है?

फेक न्यूज कैसे फ़ेलती है
फेक न्यूज कैसे फ़ेलती है
  •  सोशल मीडिया की भूमिका सोशल मीडिया फर्जी खबरें फैलाने का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर झूठी खबरें बहुत तेजी से वायरल होती हैं।
  •  सनसनीखेज हेडलाइन: फर्जी खबरें अक्सर ऐसी हेडलाइन के साथ आती हैं जो लोगों का ध्यान खींचती हैं जैसे, अभी कोई बड़ा खुलासा हुआ है या फिर यह खबर सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। ऐसी हेडलाइन लोगों को परेशान करती हैं।
  •  भावनाओं का शोषण: फर्जी खबरें अक्सर लोगों की भावनाओं जैसे डर, गुस्सा या दुख को निशाना बनाती हैं और लोगों को खबर शेयर करने के लिए प्रेरित करती हैं।

फेक न्यूज  के प्रकार

  1.  फेक न्यूज़ पूरी तरह से मनगढ़ंत खबर होती है जिसका विकास से कोई लेना-देना नहीं होता है।
  2.  अधूरी खबर: कभी-कभी सच्ची खबर को अधूरे या गलत तरीके से पेश किया जाता है ताकि उसका मतलब बदल जाए।
  3. फेक न्यूज़ का मतलब है मजाक। कभी-कभी इसे मजाक के तौर पर बनाया जाता है, जिसका मतलब है कि लोग इस पोस्ट को सच मान लेते हैं।
  4.  प्रोपेगैंडा: किसी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए फर्जी खबर फैलाई जाती है।

फेक न्यूज के नुक्सान

  •  समाज में भ्रम की स्थिति फर्जी खबरों से लोगों में गलत जानकारी फैलती है जिससे समाज में भ्रम और अविश्वास पैदा होता है।
  •  हिंसा और दंगे कई बार फर्जी खबरों की वजह से हिंसा और दंगे भड़क जाते हैं जैसे किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ झूठी खबर फैलाकर तनाव पैदा किया जा सकता है।
  •  व्यक्तित्व को नुकसान फर्जी खबरों की वजह से व्यक्ति की छवि खराब हो सकती है या उसे सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ सकता है।
  •  लोकतंत्र को खतरा फर्जी खबरों का इस्तेमाल चुनावों में जन्मतिथि को प्रभावित करने के लिए किया जाता है जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

फेक न्यूज की पहचान कैसे करें

  1.  खबर पढ़ने से पहले स्रोत की जांच करें। जांचें कि यह किस स्रोत से है। क्या स्रोत भरोसेमंद है?
  2.  हेडलाइन पर भरोसा न करें। कई बार हेडलाइन सनसनीखेज होती है लेकिन खबर की सामग्री अलग होती है। पूरी खबर पढ़ें।
  3.  तथ्यों की जांच करें। अगर खबर में कोई आंकड़े या तत्व दिए गए हैं, तो उन्हें जांचें। स्मूथ फैक्ट चेक डॉट ओआरजी या गूगल फैक्ट चेक जैसी फैक्ट चेकिंग वेबसाइट का इस्तेमाल करें।
  4.  तस्वीरों की जांच करें। कभी-कभी फर्जी खबरों में पुरानी तस्वीरों को नए संदर्भ में पेश किया जाता है। तस्वीर की प्रामाणिकता जांचने के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल करें। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। अगर आपको कोई खबर पढ़ने के बाद गुस्सा या डर लगता है, तो उसे इस्तेमाल करने या शेयर करने से पहले दोबारा जांच लें।

फर्जी खबरों से कैसे बचें

  •  शेयर करने से पहले सोचें किसी भी खबर को शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करें
  •  न्यूज चैनलों और वेबसाइट पर ही भरोसा करें केवल विश्वास न्यूज चैनलों और वेबसाइट से ही जानकारी लें
  • फैक्ट चेकिंग टूल्स का इस्तेमाल करें फर्जी खबरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए फैक्ट चेकिंग टूल्स, वेबसाइट और टूल्स का इस्तेमाल करें अपने दोस्तों और परिवार को फर्जी खबरों के बारे में जागरूक करें।

परिणाम

आज के समय में फर्जी खबरें एक बड़ी चुनौती है लेकिन हमें सही जानकारी और ईमानदारी के साथ इससे बचना चाहिए। किसी भी खबर को शेयर करने से पहले सही जानकारी प्राप्त करना हमारी जिम्मेदारी है। सही जानकारी ही हमें एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बना सकती है। अगली बार जब कोई खबर आपके सामने आए तो उसे शेयर करने से पहले एक बार जरूर सोचें क्योंकि असली सच्चाई ही हमें आजाद कराती है।

 

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