(कुंभ मेले में भगदड़) भारत में कुंभ मेला न केवल आस्था और भक्ति का प्रतीक है बल्कि यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु गंगा में पवित्र डुबकी लगाने और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने के लिए आते हैं। हालांकि, प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में उस समय कुंभ मेले में भगदड़ जब भीड़ का दबाव बहुत अधिक हो गया और भगदड़ मच गई। इस घटना में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए।इस लेख में हम इस दुखद घटना का पूरा विवरण देंगे, इसके कारणों की व्याख्या करेंगे, प्रशासन की प्रतिक्रियाओं पर नज़र डालेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है। हमारे लिए ऐसा करना ज़रूरी था।

कुंभ मेले में भगदड़ घटना विवरण
यह घाटना मंगलवार 28 जनवरी 2025 की देर रात प्रयागराज के अखाड़ा मार्ग पर हुई जहां लाखों श्रद्धालू इकट्ठा हुए प्रत्यक्षदर्शी के अनुसर शाही स्नान के बाद श्रद्धालु गंगा तट की और बढ़ रहे फिर इसी दौरन कुंभ मेले में भगदड़ बेकाबू हो गई और यह घाटना देखने को मिली।
भगदड़ कैसे मची?
- अचानक बड़ी भीड़
कुंभ मेले में हर दिन लाखों लोग आते हैं लेकिन कुछ विशेष तिथियों पर यह संख्या बहुत ज्यादा अधिक हो जाती है मंगलवार को शाही स्नान के करण भीड़ सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाती है
- बैरिकेड टूटना

भीड़ को नियत्रित करने के लिए लगाये बैरिकेड्स लोगों की दबाव के कारण टूट गए, जिसके कारण जो श्रद्धालु आगे बढ़ रहे हैं श्रद्धालू के बीच अफरा तफरी मच गई,
झटका और धक्का मुक्की
कुंभ मेले में भगदड़ घाटनास्थल पर कुछ श्रद्धालू फिसल कर गिर गए पीछे से धक्का मिलाने के करण कई लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते चले गए देखते ही देखते भगदड़ मच गई और काई लोगों की जान चली गई।
मृत्यु और घायलों की स्थिति
इस घाटना में 30 लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक श्रद्धालू घायल हो गए मृत्युकों में काई महिलाएं बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं रिपोर्ट के अनुसर मृत्युक में कर्नाटक,गुजरात, असम और बिहार के श्रद्धालु शामिल हैं घायलों को नजदिकी अस्पताल में भर्ती कराया गया । जहां कुछ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने अस्पतालों में आपातकालीन अलर्ट जारी कर दिया है और घायलों के लिए हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रशसन की प्रतिक्रिया
- बचाव कार्य और राहत अभियान घाटना के तुरंत बाद स्थिति पुलिस और NDRF की टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कर शुरू कर दिया। घायलों को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। और मृतकों के शौक की पहचान की जा रही है।
- मुआवजा और सरकारी सहायता उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के लिए 2500000 मुआवजा देने की घोषणा की है जबकी गंभीर रूप से घायल श्रद्धालूओं को 5 लाख रुपये और सामान्य रूप से घायल लोगों को 1 लाख की सहायता राशि देने का फैसला किया गया है ।
- जांच का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस घाटना की उच्च जांच के आदेश दिए हैं और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है ।प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में ऐसी घाटनाओं से बचने के लिए कदम उठाए जाएं।
प्रधानमंत्री और अन्य नेताओ की प्रतिनिधि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा शोक प्रकट किया है और ट्वीट कर कहा है कि प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरन की घाटना अत्यंत दुखद है। मैं पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के स्वास्थ्य की कामना करता हूं प्रशसन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा कई अन्य राजनीतिक नेताओं और धार्मिक संगठनों ने इस घटना प्रति दुख व्यक्त किया और श्रद्धालूओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
भगदड़ के पीछे का कारण
- अत्याधिक भीड़ प्रबन्धन की कमी मेले में भीड को नियन्त्रित करने के लिए प्रभावी योजना का अभाव था।
- सुरक्षा व्यवस्था की कमी स्थापित पुलिस बल और सुरक्षाकर्मियों की मौजुदगी नहीं थी।
- संकेत और मार्गदर्शन की कमी काई श्रद्धालू गलत दिशा में चले गए।
- अचानक वेरीगेट्स का टूटना बैरीगेट की मजबूती पर ध्यान नहीं दिया गया गया जिससे श्रद्धालु का दबाव ना सहन कर पाए।
- अत्याधिक धक्का मुक्की और भगदड़ लोग जल्दी से जल्दी गंगा तट पर पहुंचना चाहते थे जिसे धक्का मुक्की बढ़ गई और कै लोग गिर पड़े।
भविष्य में ऐसी घाटनाओं से बचने के लिए सूझाव
भीड़ प्रबंधन में सुधार
- कुंभ मेले जैसे बड़े अयोजनों में प्रवेश और निकास को ठीक से दिखाने के लिए बड़े नियम बनाए जाने चाहिए।
- श्रद्धालूओं के आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए जाने चाहिए।
- भीड़ की संख्या का अनुमान लगाने के लिए ड्रोन और AI आधारित निगरानी सिस्टम लगया जाना चाहिए था।
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना
- अधिक पुलिस बल और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए
- जगह जगह आपातकालीन निकासि मार्ग बनाए जाएं तीसरा मेडिकल टीम और एम्बुलेंस को हमेशा तैयार रखा जाए।
तकनीक का उपयोग
कुंभ मेले में RFEID चिप्स और डिजिटल टिक टिंग का उपयोग किया जाए, जिसमें श्रद्धालूओं की संख्या प्रति नियंत्रित रखा जा सके, लोगों का SMS और मोबाइल ऐप (APP)के माध्यम से निर्देश दिए जाएं, ताकि वह सही मार्ग पर चल सके।
वेरीकैडेस और बुनियादि ढांचे को मजबुत बनाना
- सुरक्षा बैरिकेड्स को मजबूत सामग्री से बनाया जाए ताकि वह भारी भीड़ का दबाव सहन कर सके
- स्नान घाटो और मुख्य मार्गो पर फिसलन को रोकने के लिए रबर मैट और अन्य सुरक्षा उपाय किए जाएं ताकि श्रद्धालूओं को चलने में कोई दिक्कत न हो।